udas sad shayari in hindi

Vijay Sharma
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 udas sad shayari in hindi




उदासी पत-झड़ों की शाम,
ओढ़े रास्ता तकती,
पहाड़ी पर हज़ारों साल की,
कोई इमारत सी...!!!



उदास मन को और उदास मत कर,
ये जिंदगी बड़े काम की है,
इसे बर्बाद मत कर...!!!




तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही,
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ..!!!




मेरी आँखों में छुपी उदासी को,
कभी महसूस तो कर,
हम वो हैं जो सब को,
हंसा कर रात भर रोते है..!!!!




मुद्दत गुजर गई कि यह आलम है मुस्तक़िल,
कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है..!!!




अब कोई दुआ ना,
रोशनी ना भूख प्यास लगे,
अगर अपना साया भी देखूं,
मै तो बस उदास लगे..!!!!




ये जिंदगी बड़ी ही खास है,
तू अपने कर्मो से बच रहा है,
इसलिए उदास है...!!!



शाम भी थी धुआँ धुआँ,
हुस्न भी था उदास उदास,
दिल को कई कहानियाँ याद सी,
आ के रह गईं...!!!!



मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने,
उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने,
मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको,
बातों बातों में बात टाल दी उसने..!!!




रात भर की उदासियों के बाद,
ये भी एक हुनर ही मानो,
कि हम हर सुबह एक बार फिर से,
जिंदगी सँवार लेते हैं...!!!!




ये जो उदासी पल भर में खत्म हो जाएगी,
मै कुछ इस कदर अपने आप को,
खामोश करने वाला हूं...!!!!

किसी के पाँव की आहट का,
इंतिज़ार किया इसी उदास खंडर,
के उदास टीले पर..!!!



ना जाने मेरे दिन इतने क्यों उदास है,
ना कोई सफर है ना कोई पास है...!!!!



हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं,
दिल हमेशा उदास रहता है...!!!




तू जो नहीं तो बिन तेरे शामें उदास हैं,
ढूंढें तुझे कहाँ कहाँ आँखें उदास हैं,
इक चाँद ही नहीं है जो पूछे तेरा पता,
देखा नहीं है जो तुझे मेरी राहें उदास हैं..!!!



जिन्दगी की राहों में,
मुस्कराते रहो हमेशा,
उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं,
हमसफ़र नहीं...!!!



ज़िंदगी के सफ़र में,
उदासियाँ हमेशा साथ चलती हैं,
रात की चुप्पी में भी,
दर्द की कहानियाँ छुपती हैं...!!!



ख़ुशी के दौर तो मेहमाँ थे आते जाते रहे,
उदासी थी कि हमेशा हमारे घर में रही..!!!




हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल,
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती..!!!



बड़ी उदास है ज़िंदगी तेरे बिन,
नहीं है कुछ मेरे पास तेरे बिन,
अँधेरा हो या हो उजाला आता,
नहीं कुछ बी रास तेरे बिन..!!!




बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से,
हो सके तो लौट आ किसी बहाने से,
तू लाख खफा सही मगर एक बार तो देख,
कोई टूट गया है तेरे जाने से...!!!



उदास होकर क्यों खुद को कोश रहा है,
जो इसकी वजह है उन्हें,
अभी तक क्यों छोड़ रखा है...!!!



उदास ज़िन्दगी, उदास वक्त,
उदास मौसम कितनी चीज़ों पे,
इल्ज़ाम लग जाता है,
तेरे बात न करने से...!!!!



मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें,
कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे...!!!



हमारे घर की दीवारों पर,
उदासी बाल खोले सो रही है...!!!



कोई ख़ुद-कुशी की तरफ़ चल दिया,
उदासी की मेहनत ठिकाने लगी...!!!




उदास तो बहुत रहे,
मगर कभी जा़हिर ना किया,
सब ठीक है बस,
इसी लफ्ज़ ने सब संभाल लिया...!!!




जो जरा किसी ने छेड़ा तो छलक पड़ेंगे आँसू,
कोई मुझसे यूँ न पूछे तेरा दिल उदास क्यों है...!!!

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